राष्ट्रपति भवन : 14.07.2016
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (14 जुलाई, 2016) दार्जीलिंग (पश्चिमी बंगाल) में दार्जीलिंग टी एसोसिएशन की वार्षिक सामान्य बैठक को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि वे दार्जीलिंग टी एसोसिएशन की वार्षिक सामान्य बैठक में आकर बहुत प्रसन्न हैं। उन्होंने दार्जीलिंग टी एसोसिएशन को ‘दार्जीलिंग टी’ का अद्वितीय ब्रैंड नाम बनाए रखने के लिए बधाई दी जो देश के बड़ी संख्या में लोगों के नाश्ते के लिए एक स्वागत योग्य पेय है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में चाय एक महत्त्वपूर्ण निर्यातक वस्तु है और चाय का संवर्धन भारत के नियोजित आर्थिक विकास के मुख्य घटक का निर्यात करता है। केवल चीन के बाद चाय के उत्पादन में भारत दूसरे स्थान पर है। दार्जीलिंग की चाय का सभी चाय की किस्मों में अपूर्व स्थान है, विशेषकर पारखियों के लिए।
राष्ट्रपति मुखर्जी ने केंद्र और राज्य सरकार के साथ मिलकर कार्य करने के लिए दार्जीलिंग टी एसोसिएशन और गोरखा प्रादेशिक संख्या तथा जियोग्राफीकल इंडीकेशन ऑफ गुड्स (रजिस्ट्रेशन एण्ड प्रोटेक्शन) एक्ट, 1991 के तहत देश के प्रथम जियोग्राफिकल इंडिकेशन के रूप में दार्जीलिंग टी को पंजीकृत करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि दार्जीलिंग की चाय यूरोपीय कमीशन द्वारा प्रोटेक्टिड जियोग्राफिकल इंडीकेशन के रूप में मान्यता प्राप्त भारत का पहला उत्पाद है। राष्ट्रपति ने कहा कि अब दार्जीलिंग की चाय विश्व के चाय की सर्वोत्तम ब्रांडों में से एक का पर्याय बन चुकी है, जो भारत के सबसे सुंदर पर्यटन स्थलों में से एक से आरंभ होती है और वह है दार्जीलिंग।
यह विज्ञप्ति 1250 बजे जारी की गई