राष्ट्रपति ने बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान मेसरा में कहा, रोजगार मांगने की बजाय रोजगार पैदा करने वाले विद्यार्थी तैयार करें
राष्ट्रपति भवन : 10.01.2016


भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (10जनवरी, 2016) रांची, झारखंड में बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान की हीरक जयंती समारोह का उद्घाटन किया तथा इसके दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत इस सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ सकता कि देश के 250 मिलियन से अधिक लोग अभावग्रस्त भरण-पोषण कर रहे हैं। उन्हें गरीबी से बाहर निकालने का कार्य चुनौतिपूर्ण हो सकता है लेकिन संभव है। हमारी सामाजिक-आर्थिक प्रगति समान वितरण की प्रतिबद्धता से जुड़ी होनी चाहिए जिससे इसके लाभ हमारे समाज के सभी वर्गों विशेषकर पिछड़े, वंचित और उपेक्षित तक पहुंचें। बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान मेसरा ने शहरों और गांवों में समाज उत्थान के लिए अनेक अग्रणी तैयार किए हैं। हैंडपंपों और अन्य ग्रामीण जलाशयों के लिए वहनीय जल शोधन संयंत्रों के निर्माण तथा अस्पताल शैया कार्य की पुन: अभिकल्पना के द्वारा इसके पूर्व विद्यार्थियों ने प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण लाभ सबसे गरीब को उपलब्ध करवाए हैं। उन्होंने अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के साधनों के जरिए सामाजिक रूप से प्रतिसंवेदी परियोजनाओं पर बल देते रहने के लिए उन सभी का आह्वान किया। शैक्षिक संस्थानों के अनुसंधान को सबसे निचले सामाजिक-आर्थिक पायदान के लिए प्रासंगिक बनाएं।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था उत्पादनकारी क्षमता को साकार करने के लिए, विभिन्न नवान्वेषण कार्यकलापों पर प्रमुख बल देना आवश्यक है। पूंजी और श्रम से बढ़कर नवान्वेषण है जो एक अर्थव्यवस्था में बढ़े हुए उत्पादन के लिए निर्णायक कारक हैं। वर्तमान युवा नवान्वेषी विचारों से भरपूर हैं। उन्हें अपने नूतन विचारों की उड़ान के लिए एक मंच की जरूरत है। अन्य संस्थान कई केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों में आरंभ नवान्वेषक क्लबों की अवधारणा का अनुकरण कर सकते हैं। ये क्लब नवान्वेषणों के परामर्शन तथा इन्हें व्यवहारिक उत्पादों में तैयार करने के लिए तकनीकी संस्थानों में विद्यमान नवान्वेषण विकास केंद्रों के साथ साझीदारी कर सकते हैं। नवान्वेषकों, तकनीकी संस्थानों तथा वित्त प्रदाताओं के बीच कड़ी को मजबूत बनाना आवश्यक है।

राष्ट्रपति ने कहा कि तैयार अनुकूल वातावरण के कारण आज युवाओं में उद्यमशीलता के प्रति गहरा उत्साह है। भारत के अनेक स्टार्ट-अप सफल हो गए हैं तथा उन्होंने दूसरों को प्रगति का पथ दिखाया है। उच्च शैक्षिक संस्थानों की विशिष्ट भूमिका अपने विद्यार्थियों की उद्यमीय योग्यता को संवारने की है। हमारे संस्थानों में उद्यमशील अध्ययनों को पाठ्यक्रम के तौर पर पढ़ाया जा सकता है। बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान मेसरा के लघु उद्योग उद्यमी पार्क जैसे अन्य सहयोगात्मक उपाय रोजगार मांगने की बजाय रोजगार पैदा करने वाले विद्यार्थी तैयार करने के लिए आवश्यक हैं।

यह विज्ञप्ति 1930बजे जारी की गई।

समाचार प्राप्त करें

Subscription Type
Select the newsletter(s) to which you want to subscribe.
समाचार प्राप्त करें
The subscriber's email address.