राष्ट्रपति भवन : 26.01.2016
भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी कल (25 जनवरी, 2016) राष्ट्रपति भवन में फ्रांस गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति तथा गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि फ्रांस्वां ओलांद का स्वागत किया। उन्होंने उनके सम्मान में एक राजभोज का भी आयोजन किया।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति मुखर्जी ने पेरिस में सफल सी ओ पी-21 पर उन्हें बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा कि रक्षा, अंतरिक्ष, नागरिक परमाणु ऊर्जा तथा सुरक्षा में भारत-फ्रांस की कार्यनीतिक साझीदारी की बढ़ती शक्ति दोनों देशों के बीच परस्पर अत्यधिक विश्वास और समझ को दर्शाती है।
राष्ट्रपति ने उनके नेतृत्व और गत वर्ष नवम्बर में, पेरिसर में घृणित आतंकवादी हमले के बाद कड़ी कार्रवाई के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति की सराहना की। उन्होंने कहा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति की कार्रवाई ने आतंकवादियों के सफल न होने देने की फ्रांस की जनता की भावना और संकल्प को दर्शाया। भारत, पठानकोट हमले के पश्चात भारत के प्रति फ्रांस के सहयोग और एकजुटता की प्रशंसा करता है। चाहे पेरिस हो या पठानकोट भारत और पेरिस जैसे लोकतांत्रिक देशों पर हुए आतंकी हमले स्वतंत्रता, स्वाधीनता और विश्व बंधुत्व के आधारभूत मूल्यों पर हमला है। आतंकवाद एक विश्व खतरा है तथा यह सभी राष्ट्रों के प्रति खतरा पैदा करता है। कोई भी उद्देश्य आतंकवादी कृत्यों को तर्कसंगत नहीं ठहरा सकता। यह अत्यावश्यक है कि विश्व बिना राजनीतिक सोच-विचार के आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होकर कार्य करे।
अपने राजभोज अभिभाषण में राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा, फ्रांस ने ऐसे देश के रूप में इतिहास रचा जिसे पांचवीं बार भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने का सम्मान प्रदान किया गया है। जब परेड में भारतीय सैन्य दस्ते के साथ कदम से कदम मिलाकर आपका विशिष्ट फ्रेंच पैदल सेना दस्ता चलेगा तो वे एक बार पुन: ऐसा करने वाली पहली विदेशी टुकड़ी होने का इतिहास रचेगा। यह निर्माणशील इतिहास ही नहीं, हमारी दोनों सभ्यताओं और हमारे दोनों राष्ट्रों के बीच स्थायी संबंधों का साक्षी है; यह हमारे स्थायी चिरस्थायी और कार्यनीतिक साझीदारियों के प्रति एक सम्मान है। यह हमारे राष्ट्रीय ध्येय वाक्यों ‘स्वतंत्रता, समता, बंधुत्व’ तथा ‘सत्यमेव जयते’ का प्रतीक है जो मिलकर विश्व को शांति और न्याय के सार्वभौमिक आदर्श प्राप्त करने के लिए पूरी शक्ति से प्र्रेरित करता रहेगा।
राष्ट्रपति ने कहा, हमारे दोनों देशों को असहिष्णुता, उग्रवाद और आतंकवाद की शक्तियों से मुक्ति के लिए कृतसंकल्प होकर लड़ना चाहिए। पेरिस और पठानकोट में कायरतापूर्ण आतंकी हमलों ने हमारे जैसे देशों को मानवता और मानव सभ्यता के अस्तित्व के प्रति खतरे का मुकाबला करने की आवश्यकता पर बल दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा, भारत और फ्रांस के बीच मैत्री हमारी जनता के आदर्शों और आकांक्षाओं की गहरी समानता से प्रेरित है। हमारी सभ्यताएं शताब्दियों के दौरान एक-दूसरे से जुड़ी रही हैं। हम ऐसे विश्व में रहने की साझी संकल्पना से बद्ध हैं, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता, स्वाधीनता और समानता पर निर्मित है, जो बहुलवाद और लोकतंत्र का सम्मान करता है, जो सहिष्णुता और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की आकांक्षा करता है। हमारे घनिष्ठ चिरस्थायी मैत्री संबंध भावी वर्षों में सुदृढ़ होंगे क्योंकि वे इस समृद्ध, अविचल नींव पर स्थापित हैं।
राष्ट्रपति ने कहा विज्ञान और अनुसंधान, शिक्षा, संस्कृति और स्वास्थ्य में हमारा सहयोग बढ़ता जा रहा है, मुझे प्रसन्नता है कि फ्रांस सरकार और फ्रांस के उद्योग प्रमुख हमारी महत्वाकांक्षी विकास पहलों, अवसंरचना, स्मार्ट सिटी, स्वच्छ ऊर्जा, रेल और कौशल विकास में भारत के साथ सक्रिय साझीदारी कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-फ्रांस पुरातत्व टीम की 2.6 मिलियन वर्ष पूर्व के ऐतिहासिक प्रमाणों की खोज का अनावरण तथा मंगल ग्रह की खोज में प्रस्तावित भारत-फ्रांस साझीदारी इतिहास की गहराइयों के नाप से लेकर नक्षत्रों और आकाश की खोज में सहयोग, हमारी साझीदारी के ये अद्भुत विस्तार साथ-साथ हैं। चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है, यह एक ऐसा प्रदेश है जहां एक शताब्दी से अधिक समय पूर्व हजारों भारतीय सैनिक प्रथम विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस युद्ध में लड़े और उनमें से लगभग दस हजार आज फ्रांस की स्वतंत्रता के लिए जीवन बलिदान करने के बाद फ्रांस की विभिन्न कब्रगाहों में दफन हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमने नव वर्ष की शुरुआत नूतन आशाओं और स्वप्नों तथा अपने सम्मुख चुनौतियों पर मिलकर विजय प्राप्त करने के संकल्प के साथ की है। हम कठिन दौर में रह रहे हैं जिसमें हिंसा, कट्टरतावाद और असमानता व्याप्त है। परंतु हम उत्कृष्ट नवान्वेषण, महान रचनात्मकता, अद्वितीय वैश्विक संबंधों के युग में भी रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति यात्रा भारत-फ्रांस द्विपक्षीय संबंध को नए शिखर पर पहुंचाने तथा सभी के लिए शांति, स्थिरता और समृद्धि के हमारे साझे प्रयास में नई शुरुआत की द्योतक है।
यह विज्ञप्ति 1350 बजे जारी की गई