राष्ट्रपति जी ने कहा कि विश्वविद्यालयों और अकादमिक संस्थानों को शिक्षा प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए, जिससे हमें अपने समय की नैतिक चुनौतियों का सामना करने में सहायता मिलेगी
राष्ट्रपति भवन : 25.04.2013

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (25 अप्रैल, 2013) भुवनेश्वर में उत्कल विश्वविद्यालय के 45वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय तथा अकादमिक संस्थानों को शिक्षा प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए, जिससे हमें अपने समय की नैतिक चुनौतियों का सामना करने में सहायता मिलेगी। इससे हमें मानवीय गरिमा और समानता के मूल्यों पर आधारित आधुनिक लोकतंत्र की स्थापना करने में सहायता मिलनी चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि हाल ही में महिलाओं और बच्चों पर पाशविक हमला तथा बलात्कार की घटनाओं ने देश की सामूहिक अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है। इन दुखद घटनाओं से, हमारे समाज को ठहरकर मूल्यों के हृस और हमारी महिलाओं एवं बच्चों की संरक्षा तथा सुरक्षा सुनिश्चित करने में बार-बार असफलता पर विचार करने की तात्कालिक जरूरत है। इस तरह का आपराधिक चारित्रिक पतन समाज के सभ्यतापूर्वक संचालन के लिए खतरा है। हमें इसके कारणों की पहचान करके इसका समाधान ढूंढ़ना चाहिए। समाज को महिलाओं की गरिमा तथा सम्मान सुनिश्चित करना चाहिए। राष्ट्रपति ने युवाओं को शिक्षा प्रदान करने तथा उनके मस्तिष्क को प्रभावित करने वालों तथा समाज पर नैतिक शक्ति रखने वाले लोगों का आह्वान किया कि वे इस प्रक्रिया को शुरू करें।

इस अवसर पर ओडिशा के राज्यपाल, डॉ एस.सी.जमीर और ओडिशा के मुख्यमंत्री, श्री नवीन पटनायक भी उपस्थित थे।

यह विज्ञप्ति 1223 बजे जारी की गई

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