राष्ट्रपति भवन : 07.03.2015
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (7 मार्च, 2015) राष्ट्रपति भवन में सप्ताह भर चलने वाले ‘नवान्वेषण समारोह’ का उद्घाटन किया और राष्ट्रीय बुनियादी नवान्वेषणों के लिए द्विवार्षिक पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने आवासी नवान्वेषण विद्वानों और आवासी लेखकों के एक नए बैच से भी बातचीत की।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि नवान्वेषण प्रगति और समृद्धि की कुंजी है। नवान्वेषण की प्रक्रिया ज्ञान को सामाजिक हित तथा आर्थिक संपदा में बदल देती है। यह जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रतिभाओं को समाज के साथ जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है। भारत में सदैव ज्ञान की सुदृढ़ परंपरा रही है। हमारी ज्ञान प्रणाली में जमीन से प्रयोगशाला तक जांच सहित अनुसंधान तथा प्रयोगशाला से जमीन तक प्रौद्योगिकी के अंतरण के विशाल संभावनाएं हैं। यह जरूरी है कि पारंपरिक ज्ञान के प्रख्यात प्रयोगकर्ताओं के सक्रिय सहयोग से स्वदेशी ज्ञान के विशाल भंडार को सुरक्षित, आलेखित और संरक्षित किया जाए।
राष्ट्रपति ने कहा कि औपचारिक और अनौपचारिक क्षेत्रों के बीच व्यवहार्य संबद्धता के लिए साधारणजनों और युवा विद्यार्थियों की सर्जनात्मकता के साथ प्रौद्योगिकीय वित्तीय और शैक्षिक क्षेत्रों के प्रमुखों की भागीदारी को प्रगाढ़ बनाने की भी आवश्यकता है। इस वर्ष राष्ट्रपति भवन में एक नवान्वेषण समारोह आरंभ किया गया है। इससे विभिन्न भागीदारों को एक मंच पर लाने तथा इन संस्थाओं को समावेशी नवान्वेषण में सक्रिय साझीदार बनने में मदद मिलेगी। इस कार्यक्रम में भाग ले रहे नवान्वेषक हमारे देश के अनेक भागों से आए हैं। मुझे उम्मीद है कि इस पहल के द्वारा श्रेष्ठ विचारों के प्रसार की समान विचारों वाली महत्वपूर्ण श्रृंखला निर्मित की जा सकती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में नवान्वेषण में अग्रणी बनने की क्षमता है। इस दिशा में उत्साह बढ़ाने वाले प्रयासों के बावजूद हमारा देश बहुत से अन्य देशों से पीछे है। भारत, वैश्विक नवान्वेषण सूची 2014 में 76वें स्थान पर है जो 29वें स्थान पर मौजूद चीन से काफी नीचे है। 49वें स्थान पर रूस और 61वें स्थान पर ब्राजील ने हमसे बेहतर प्रदर्शन किया है।
राष्ट्रपति ने सभी उपस्थित नवान्वेषकों को गरीबी दूर करने, रोजगार पैदा करने तथा समाज को स्वस्थ, खुशहाल और सौहार्दपूर्ण बनाने के कारगर समाधान प्रस्तुत करते रहने का आह्वान किया।
इस अवसर पर, 40 नवान्वेषकों और 6 समुदायों को कुल 41 पुरस्कार प्रदान किए गए। राष्ट्रपति ने 16 राष्ट्रीय, एक आजीवन उपलब्धि तथा एक मरणोपरांत पुरस्कार प्रदान किया।
पुरस्कार समारोह के बाद, राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में नवान्वेषण प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। यह 13 मार्च, 2015 तक जनता के लिए खुली रहेगी।
यह विज्ञप्ति 14:30 बजे जारी की गई।