राष्ट्रपति भवन : 09.11.2013
भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (09 नवम्बर 2013) नई दिल्ली में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित किया तथा मेधावी विद्यार्थियों को मेडल और उपाधियां प्रदान की।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को एक तकनीकी महाशक्ति बनने के लिए लाखों पीएचडी तैयार करने होंगे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली अपनी नवान्वेषी योजनाओं द्वारा इस दिशा में अग्रणी हो सकता है तथा अन्य संस्थानों के लिए आदर्श मॉडल बन सकता है। उन्होंने कहा कि सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, आमतौर पर तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली, खासतौर पर अच्छे इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को तैयार करने पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के विद्यार्थियों से अनुसंधान एवं विकास पर जोर देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि नया ज्ञान सामने लाने पर उन्हें जो संतोष तथा आनंद मिल सकता है वह कभी भी वित्तीय लाभ से प्राप्त नहीं हो सकता।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में सभी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के कुल 71000 विद्यार्थियों में से केवल लगभग 4000 पीएचडी के विद्यार्थी हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में कुल 60,000 विद्यार्थियों में से केवल लगभग 3000 पीएचडी के विद्यार्थी हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर प्रकाशनों के मामले में सर्वोत्तम 20 देशों में भारत का स्थान 12वां है। यहां अनुसंधान एव विकास में प्रति दस लाख लोगों पर केवल 119 अनुसंधानकर्ता हैं जबकि चीन में यह संख्या 715 है और अमरीका में 468 है। अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में हमारे प्रकाशनों तथा अनुसंधानकर्ताओं की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। यह तभी संभव है जब मेधावी विद्यार्थी कम आयु में ही अनुसांधान एवं विकास के क्षेत्र में कार्य शुरू करें।
यह विज्ञप्ति 1300 बजे जारी की गई।