राष्ट्रपति भवन : 15.01.2015
भूटान शाही राज्य के प्रधानमंत्री,श्री शेरिंग तोबगे ने कल (14 जनवरी, 2015) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
भूटानी प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2014 भारत और भूटान के संबंधों के सुदृढ़ीकरण और घनिष्ठता का वर्ष रहा है। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने अपनी प्रथम विदेश यात्राओं के रूप में एक दूसरे के देशों की यात्राएं की। नवम्बर, 2014 में इस देश की उनकी प्रथम राजकीय यात्रा भी रही। यह भारत द्वारा भूटान, जो एक पड़ोसी और घनिष्ठ साझीदार है, को प्रदान किए जा रहे सर्वोच्च महत्व को प्रदर्शित करता है।
राष्ट्रपति ने भूटान की अपनी यात्रा के दौरान उन्हें प्रदान किए गए गर्मजोशीपूर्ण स्वागत और अतिथ्य के लिए भूटानी प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने अपनी अस्वस्थता के दौरान चिंता और शुभकामना संदेश के लिए भूटान नरेश को भी धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति ने खुशी व्यक्त की कि भूटानी प्रधानमंत्री भूटान के पुनखा में रोपे जाने के लिए महाबोधि वृक्ष का एक पौधा अपने साथ ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक,आध्यात्मिक संबंध और सुदृढ़ होंगे तथा पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भूटान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पूर्ववत सुदृढ़ बनी रहेगी तथा भारत सरकार हर सहयोग प्रदान करने के लिए तत्पर है। भारत और भूटान के द्विपक्षीय संबंध विशिष्ट हैं। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्तों तथा सभ्यतागत संबंधों ने उन्हें स्वाभाविक मित्र और साझीदार बना दिया है। साझे कार्यनीतिक दृष्टिकोण, भरोसा, पारदर्शिता तथा एक दूसरे की चिंताओं के प्रति संवदेनशीलता इस संबंध की विशेषता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और भूटान की सुरक्षा चिंताएं अभिन्न हैं और परस्पर जुड़ी हुई हैं। सिलिगुड़ी गलियारा दोनों देशों के लिए जीवन रेखा है। दोनों देशों को आपसी सुरक्षा चिंताओं संबंधी मुद्दों पर अपना घनिष्ठ सहयोग जारी रखना चाहिए।
राष्ट्रपति की भावनाओं के प्रत्युत्तर में, भूटानी प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति की भूटान यात्रा ने भूटान के लोगों के मन पर एक स्थायी छाप छोड़ी है। इससे, पहले से ही घनिष्ठ संबंध और मजबूत हुए। भारत और भूटान एक दूसरे की चिंताओं का सदैव ध्यान रखते हुए, एकजुट होकर कार्य करते रहेंगे। दोनों देशों के संबंध अनुकरणीय हैं तथा श्रेष्ठ पड़ोसी होने के आदर्श उदाहरण हैं। दोनों देशों के बीच परस्पर लाभकारी संबंधों के प्रति अन्यों में ईर्ष्या की भावना देखा जाती है।
यह विज्ञप्ति 15:40 बजे जारी की गई।