राष्ट्रपति भवन : 11.08.2012
भारत के माननीय राष्ट्रपति ने भारतीय वन सेवा के परिवीक्षाधीनों (2011-13 बैच) से आज (11 अगस्त, 2012) मुलाकात की।
राष्ट्रपति ने प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता पर परिवीक्षाधीनों को बधाई दी और उन्हें याद दिलाया कि भारतीय वन सेवा की स्थापना 1867 में की गई थी और यह देश की सबसे पुरानी सेवा है। राष्ट्रपति ने कहा कि 1930 के दशक के राजनीतिक घटनाक्रमों के परिणामस्वरूप संवैधानिक परिवर्तन हुआ और भारत में स्वशासन को बढ़ावा मिला। वनों को उनके विषय के तौर पर प्रांतो को अंतरित कर दिया गया था। 1950 के नए संविधान में इसे राज्य के विषय के रूप में रखा गया और बाद में संशोधन के माध्यम से इसे समवर्ती सूची में शामिल किया गया।
उन्होंने परिवीक्षाधीनों को उनके करियर में सफलता की शुभकामनाएं दीं और निष्ठा व समर्पण के साथ अपनी सेवाओं द्वारा योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने भूटान के दो अधिकारियों का भी विशेष स्वागत करते हुए और पर्यावरण और विकास के बीच एक संतुलन बनाए रखने के भूटान के प्रयासों की सराहना की।
यह विज्ञप्ति 1830 बजे जारी की गई