वैश्विक दक्षिण के महिला शांतिरक्षकों के सम्मेलन के प्रतिभागियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की
राष्ट्रपति भवन : 24.02.2025
वैश्विक दक्षिण के महिला शांतिरक्षकों के सम्मेलन के प्रतिभागियों के एक समूह ने आज 24 फरवरी, 2025 को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शांति मिशन में महिलाओं की उपस्थिति से मिशन और अधिक विविधतापूर्ण और समावेशी बनता है। महिला शांतिरक्षक स्थानीय समुदायों तक प्रायः अधिक जल्दी पहुँच सकती हैं और वे महिलाओं और बच्चों के लिए आदर्श के रूप में कार्य कर सकती हैं। वे बेहतर तरीके से महिला-पुरुष आधारित हिंसा से निपटने, विश्वास जीतने और संवाद को बढ़ावा देने में सक्षम हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि अधिक महिला कर्मियों वाले शांति मिशन हिंसा को कम करने और शांति समझौते लम्बे समय तक चलाने में बहुत प्रभावी रहे हैं। इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में महिलाओं की संख्या अधिक हो।
राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में भारत के योगदान के गौरवशाली इतिहास का स्मरण किया, जिसमें 2,90,000 से अधिक भारतीय शांति रक्षकों ने 50 से अधिक संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशनों में सेवाएं दी है। आज, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए, अधिकतर प्रतिकूल माहौल में तैनात 9 सक्रिय मिशनों में 5000 से अधिक भारतीय शांति रक्षक तैनात हैं। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि भारतीय महिला शांति रक्षक कर्तव्य निभाने में सबसे आगे रही हैं। वर्तमान में चल रहे छह संयुक्त राष्ट्र मिशनों में 154 से अधिक भारतीय महिला शांति रक्षक तैनात हैं। 1960 के दशक में कांगो से लेकर 2007 में लाइबेरिया में पुलिस व्यवस्था संभालने तक, हमारे महिला शांति रक्षकों ने उच्चतम पेशेवर और आचरण परंपराओं का प्रदर्शन किया है।
महिला शांतिरक्षक "शांति स्थापना में महिलाएं: वैश्विक दक्षिण की दृष्टि से" विषय पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली में हैं। यह सम्मेलन विदेश मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा रक्षा मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र, नई दिल्ली के साथ साझेदारी में आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक दक्षिण की महिला पदाधिकारियों को एक साथ लाकर शांति स्थापना से संबंधित समकालीन प्रासंगिक मुद्दों और शांति स्थापना मिशनों के समक्ष आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा करना है।