संयुक्त राष्ट्र सैन्य अभियान में योगदान देने वाले देशों के सेना प्रमुखों के सम्मेलन में भाग लेने वाले सेना प्रमुखों/उप-प्रमुखों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की

शांति संरक्षक के रूप में हमें एक विश्व में ऐसा माहौल बनाना चाहिए जहाँ प्रत्येक बच्चा सुरक्षित महसूस करे, समाज में सद्भावना का विस्तार हो और संघर्ष की स्थिति इतिहास बन जाए: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

राष्ट्रपति भवन : 16.10.2025

संयुक्त राष्ट्र सैन्य अभियान में योगदान देने वाले देशों के सेना प्रमुखों के सम्मेलन में भाग लेने वाले सेना प्रमुखों/उप-प्रमुखों ने अपने जीवनसाथियों के साथ आज 16 अक्तूबर, 2025 को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।

राष्ट्रपति ने सबको संबोधित करते हुए कहा कि वे अपने-अपने देशों के श्रेष्ठ मूल्यों और व्यवहार के गौरव के साथ आए हैं। वे स्थायी शांति और समृद्धि के प्रति अपने देशों के अनुभव, विशेषज्ञता और संकल्प की सम्पदा भी साथ लाए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक पूरी दुनिया में 71 विभिन्न मिशनों में तैनात हैं। उन्होंने कहा कि इन मिशनों का उद्देश्य निर्दोष लोगों, विशेषकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की मुश्किलों को कम करना है। विश्व के सुदूर और दूर-दराज के क्षेत्रों में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों ने अदम्य साहस और करुणा का परिचय दिया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का दृढ़ता से पालन करता है। भारत को संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों की स्थापना के बाद से इसमें एक निरंतर योगदानकर्ता होने पर गर्व है। हमारे शांति रक्षकों ने विश्व के बेहद चुनौतीपूर्ण अभियानों में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने शांति स्थापना के अभियानों में महिला-पुरुष समावेशन में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि महिला शांतिरक्षकों ने स्थानीय समुदायों को बल प्रदान किया है और लोगों में विश्वास बढ़ाया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि शांति स्थापना के महत्वपूर्ण कार्य के लिए वीर महिला और पुरुष सैनिक भेजने वाले राष्ट्रों के रूप में हमें सामूहिक रूप से ऐसे प्रयास करने चाहिएं जिनसे सैन्य योगदान देने वाले देशों की आवाज़ को और मज़बूती मिले। हमें स्थानीय हितधारकों के साथ भी सक्रियता से अधिक से अधिक जुड़ाव बढ़ाना चाहिए। इससे एक ऐसा वातावरण बनाने में मदद मिलेगी जिसमें शांति थोपी गई शांति नहीं होगी बल्कि मिल-जुलकर स्थापित की शांति की गई शांति होगी।

राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि संयुक्त राष्ट्र सैन्य अभियान में योगदान देने वाले देशों के सेना प्रमुखों के सम्मेलन और इसी तरह के उद्देश्य के साथ चलाए जाने वाले अन्य कार्यक्रमों से नए विचार सामने आएंगे, सहयोग में विस्तार होगा और स्थायी मित्रता को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि शांति संरक्षक के रूप में हमें विश्व में एक ऐसा माहौल बनाना चाहिए जहाँ प्रत्येक बच्चा सुरक्षित महसूस करे, समाज में सद्भावना का विस्तार हो और संघर्ष की स्थिति इतिहास बन जाए।

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