भारत की राष्ट्रपति भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान रांची के दूसरे दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 25.05.2023
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 25 मई, 2023 को नामकुम, रांची में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान रांची के दूसरे दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं और उसे संबोधित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत स्टार्ट-अप ईको-सिस्टम को मजबूत करके और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देकर उद्यमशीलता की ओर बढ़ रहा है। इस संदर्भ में देश के विकास पथ में वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार और भी अधिक महत्वपूर्ण विषय बन गया है। केवल अनुसंधान के माध्यम से ही नई प्रक्रियाओं, उत्पादों और डिजाइनों को विकसित किया जा सकता है जो उभरते हुए मुद्दों के लिए अभिनव और स्थायी समाधान खोजने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत में उच्च शिक्षण संस्थान अपनी अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाएंगे और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को तैयार करेंगे जो तकनीकी रूप से कुशल हों और नवाचारों के माध्यम से नागरिकों के कल्याण के लिए काम करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रौद्योगिकी का उपयोग सामाजिक न्याय के साधन के रूप में किया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है। हम पहले से ही स्मार्ट उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं जिन्होंने हमारे जीवन को आसान बना दिया है। लेकिन ऐसे उपकरण और प्रणालियां सामान्य लोगों की पहुँच में होनी चाहिएं और समग्र स्थिरता के अनुरूप होनी चाहिए। यहाँ पर प्रौद्योगिकीविदों की भूमिका अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाती है। इसके लिए उन्हें अपनी सोच और काम में एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में आईआईआईटी रांची के मेधावी छात्रों की यह जिम्मेदारी है कि वे इसका सर्वोत्तम उपयोग करके दक्षता बढ़ाएं। इससे समय और संसाधनों की बचत करके वे रचनात्मक और संवेदनशील कार्यों पर अधिक ध्यान दे सकते हैं जिनके लिए समानुभूति और मानवता की आवश्यकता है। उन्होंने उनसे दिव्यांग लोगों, वरिष्ठ नागरिकों या अन्य जरूरतमंद वर्गों की सहायता के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि युवाओं में समाज और राष्ट्र को बदलने की अपार क्षमता है। हमारे युवा एक जागरूक और विकसित राष्ट्र बनाने में बड़ा योगदान दे सकते हैं। हम सभी का कर्तव्य है कि हम युवाओं को सही दिशा दिखाएं और उन्हें देश और समाज की प्रगति के लिए कार्य करने की दिशा में प्रोत्साहित करें।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि स्थापना के कुछ ही वर्षों में, आईआईआईटी रांची के संकाय और विद्यार्थियों ने ज्ञान सृजन के महत्व को रेखांकित किया है, और वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित प्रकाशनों में मूल शोध पत्रों और प्रकाशनों द्वारा अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आईआईआईटी रांची डेटा साइंस, बायो-इंफॉर्मेटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों से संबंधित अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और अनुसंधान और विकास प्रकोष्ठों के माध्यम से विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आईआईआईटी रांची आने वाले समय में अनुसंधान और नवाचार के हब के रूप में अपनी पहचान बनाएगा।
राष्ट्रपति ने आईआईआईटी रांची से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों और उद्योग के साथ सहयोग करने और विद्यार्थियों को व्यक्तिगत और पेशेवर स्तर पर आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं को तकनीकी रूप से कुशल और शिक्षित होने के साथ-साथ सामाजिक, मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से भी स्वस्थ होना चाहिए।