गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का संदेश

राष्ट्रपति भवन : 01.10.2022

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम निम्नलिखित संदेश जारी किया है।

अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा है, ‘’राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी की 153वीं वर्षगांठ के अवसर पर मैं राष्‍ट्र की ओर से उन्‍हें श्रद्धा सुमन अर्पित करती हूं।

गांधी जयंती हम सभी के लिए उनके प्रेरक जीवन-मूल्‍यों - शांति,समानता और सांप्र‍दायिक सद्भाव के प्रति स्‍वयं को पुन: समर्पित करने का एक अवसर है। इस वर्ष गांधी जयंती का उत्‍सव और भी विशेष हो गया है क्‍योंकि देश इस समय भारत की आजादी के 75 वर्ष के रूप में आज़ादी का अमृत महोत्‍सव मना रहा है। हम सब के लिए यह अवसर, गांधी जी के सपनों का भारत बनाने की दिशा में बढ़ते रहने का है।

एक शताब्दी पूर्व, गांधीजी ने, स्वदेशी के आह्वान और आत्मनिर्भरता पर जोर देकर लाखों लोगों को प्रेरित किया था। वर्तमान में चल रहे आत्मानिर्भर भारत का निर्माण महात्मा गांधी की सोच से प्रेरित है और इसका प्रयोजन उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि देना है। उनके सपनों का भारत स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत है। इस संबंध में की गई पहलों के परिणाम अब फलीभूत हो रहे हैं।

हम आजादी की शताब्दी से पूर्व हम अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं, मुझे यह जानकर प्रसन्नता है कि युवा पीढ़ी भी गांधीजी के कार्यों से प्रेरणा ले रही है। दुनिया जब अनेकानेक जटिल चुनौतियों का सामना कर रही है, तो उनका जीवन एक प्रकाशस्तंभ के रूप में मार्गदर्शन करता है और हम मुश्किल समय में भी सही राह पर चल पाते हैं।

आइए, गांधी जयंती के अवसर पर, हम सब उनके सत्‍य और अहिंसा के मार्ग पर चलने, पर स्‍पर सद्भाव को बढ़ावा देने तथा राष्‍ट्र और विश्व की प्रगति के लिए काम करने का पुन: संकल्प लें’’।

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