65वें राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय पाठ्यक्रम के संकाय सदस्यों और पाठ्यक्रम सदस्यों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की

राष्ट्रपति भवन : 07.10.2025

65वें राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय पाठ्यक्रम के संकाय सदस्यों और पाठ्यक्रम सदस्यों ने आज 7 अक्तूबर, 2025 को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय हित और लक्ष्य किसी भी राष्ट्र की सुरक्षा की नींव माने जाते हैं। हमारे राष्ट्रीय हितों के मूल में सार्वभौमिक मूल्य भी हैं। भारतीय परंपरा में पूरी मानवता को सदा एक परिवार के रूप में देखा जाता रहा है। सबके साथ मिलकर और शांति से रहना हमारी आस्था के मूल तत्व रहे हैं। किन्तु हमने मानवता और हमारे देश के लिए नुकसान पहुंचाने वाली ताकतों को समाप्त करने के लिए युद्ध के लिए तैयार रहने को भी महत्व दिया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान एकजुटता और रणनीतिक दूरदर्शी क्षमता का प्रदर्शन किया। तीनों सेनाओं की संतुलित कार्रवाई से परिणामस्वरूप प्रभावी तालमेल बना। इसी तालमेल से नियंत्रण रेखा के पार और सीमा पार के क्षेत्रों में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने का सफल अभियान चलाया गया।

राष्ट्रपति ने कहा कि मिलकर कार्य करने को बढ़ावा देने का कार्य सैन्य मामलों के विभाग के गठन के साथ शुरू हुआ, जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ़ मुख्य सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि एकीकृत थिएटर कमांड और एकीकृत युद्ध समूहों की स्थापना के माध्यम से सेनाओं के पुनर्गठन के प्रयास चल रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि लगातार बदल रहे भू-राजनीतिक परिवेश और सुरक्षा परिदृश्य में शीघ्रता से जवाबी कार्रवाई करनी पड़ती है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि भारत के सशस्त्र बलों को ऐसा बनाया जा रहा है जो तकनीकी रूप से उन्नत, युद्ध के लिए तैयार हो और बहु-क्षेत्रीय एकीकृत अभियानों चला सकें।

राष्ट्रपति ने इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के संचालन के लिए भारत के राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय की सराहना की। यह कार्यक्रम अब एक मानक शिक्षण कार्यक्रम बन चुका है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस कार्यक्रम से सुरक्षा के राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में बेहतर समझ, पारस्परिक सहयोग और समुचित संपर्कों को बढ़ावा मिल रहा है।

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