भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की
राष्ट्रपति भवन : 25.11.2025
भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के 76वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों ने आज 25 नवंबर, 2025 को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।
अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए राजस्व संग्रह बहुत महत्व रखता है। इस संग्रहित राजस्व से बुनियादी ढाँचे, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण कार्यों के लिए धनराशि दी जाती है। इसलिए, राजस्व सेवा के अधिकारी भारत निर्माण की प्रक्रिया के सक्रिय भागीदार हैं। उन्होंने ज़ोर दिया कि कर संग्रह प्रक्रिया सुगम होनी चाहिए और करदाताओं को असुविधा नहीं होनी चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि राजस्व सेवा अधिकारी के रूप में उन्हें प्रशासक, जांचकर्ता, व्यापार को सुविधाजनक बनाने वाले और कानून को लागू करने वाले के रूप में अनेक प्रकार के कार्य करने होते हैं। वे भारत की आर्थिक सीमाओं के रक्षक हैं और देश में तस्करी, वित्तीय धोखाधड़ी और अवैध व्यापार को रोकते हैं, साथ ही वैध वाणिज्य कार्यों और वैश्विक व्यापार साझेदारी को सुगम बनाते हैं। उन्होंने कहा कि उनका कार्य प्रवर्तन और सुविधा; कानून का अनुपालन करने और आर्थिक विकास को सक्षम बनाने के बीच एक सावधानीपूर्वक संतुलन बनाने का है। उन्होंने उन्हें पारदर्शी, जवाबदेह और प्रौद्योगिकी-संचालित व्यवस्था विकसित करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि उन्हें अपना कार्य ईमानदारी और निष्पक्षता से करना चाहिए। युवा अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे नवोन्मेषी, विश्लेषण करने में समृद्द और तकनीकी रूप से कुशल हों।
