भारत की राष्ट्रपति वीर सुरेंद्र साय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 15वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 21.11.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 21 नवंबर, 2023 को बुर्ला, संबलपुर, ओडिशा में वीर सुरेंद्र साय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 15वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं और उसे संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि देश का विकास युवाओं के योगदान पर निर्भर करता है। इस विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाले विद्यार्थी नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके सड़कों, भवनों, बांधों और कारखानों का निर्माण करेंगे। इंजीनियर के रूप में, वे प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेंगे। नवप्रवर्तकों के रूप में, वे कल्पना और वास्तविकता के बीच सेतु का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि तेजी से प्रगति कर रही दुनिया में, इस संस्थान में उन्होंने जो कौशल और ज्ञान अर्जित किया है, उसी आधार पर उनके भविष्य के साथ-साथ राष्ट्र के भविष्य का निर्माण होगा।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि वीर सुरेंद्र साय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा विकसित किया गया एक विशेष उपग्रह प्रक्षेपण यान ने प्रायोगिक आधार पर सफलता हासिल की है। इसरो ने इसे सराहा है और आगे के शोध के लिए विश्वविद्यालय और इसरो ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में एक इनोवेशन और इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किया गया है। उन्होंने रचनात्मक कार्यों के लिए विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों की प्रशंसा की।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा लक्ष्य है की भारत 2047 से पहले को एक विकसित देश बने। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी से विकास की गति को तेजी आती है। इसलिए, भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में टेक्नोक्रेट और इंजीनियरों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को यह याद रखने की सलाह दी कि उनकी सफलता का आकलन केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों से नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनका आकलन इस बात से भी होगा कि वे दूसरों के जीवन पर कितना सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। उन्होंने उनसे उत्कृष्टता हासिल करने के लिए पूरा प्रयास करने का आग्रह किया, व्यक्तिगत लाभ के लिए ही नहीं बल्कि राष्ट्र की प्रगति में भी उत्कृष्टता हासिल करें। उन्होंने उनसे आग्रह किया की वे सकारात्मक परिवर्तन करने वाले, विविधता के समर्थक और सत्यनिष्ठा बनाए रखने वाले बने।
राष्ट्रपति ने कहा कि तकनीकी प्रगति को अपनाते समय हमें अपने पारंपरिक मूल्यों को याद रखना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 मातृभाषा, परंपरा और संस्कृति पर केंद्रित है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश का विकास समावेशी हो और यह पूरी मानवता के विकास के लिए समर्पित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानवता अनुकूल विकास के लिए हमें अपनी संस्कृति में निहित मूल्यों को हमेशा याद रखना चाहिए।