भारत की राष्ट्रपति जैसलमेर में लखपति दीदी सम्मेलन में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 23.12.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 23 दिसंबर, 2023 को जैसलमेर, राजस्थान में लखपति दीदी सम्मेलन की शोभा बढ़ाई।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्हें हर्ष हो रहा है क्योंकि स्वयं सहायता समूह द्वारा किए जाने वाले कार्य समाज के वंचित एवं पिछड़े वर्गों, विशेषकर महिलाओं को आश्रित होने की स्थिति से निकालकर स्वावलंबी बनाने में प्रभावी योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि देशवासियों का प्रण है कि भारत एक विकसित राष्ट्र के रूप में आजादी की शताब्दी मनाए। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए हमारा आत्मनिर्भर होना अत्यंत आवश्यक है। लेकिन यह तभी संभव है जब देश की प्रत्येक महिला आत्मनिर्भर और सशक्त हो।
राष्ट्रपति ने कहा कि महिला सशक्तीकरण और महिलाओं की श्रमबल में समान भागीदारी सामाजिक और आर्थिक प्रगति में भी अहम योगदान देती है। कोई भी देश अपनी 50 प्रतिशत आबादी की उपेक्षा करके आगे नहीं बढ़ सकता। महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन और आकलन यह रेखांकित करते हैं कि अगर श्रमबल में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के बराबर हो तो भारत की जीडीपी में बहुत अधिक वृद्धि हो सकती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं को अधिक आर्थिक स्वायत्तता, व्यक्तिगत स्वतन्त्रता और राजनीतिक शक्ति प्राप्त हो, इस दिशा में भारत सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार ने श्रमबल में महिलाओं की भागीदारी और उनके रोजगार की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। श्रम कानूनों में कई सुरक्षात्मक और सहायक प्रावधान शामिल किए गए हैं। सरकार ने ऐसी कई योजनाएं शुरू की हैं जो महिलाओं के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक साबित हुई हैं। सरकार ने राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में भी बड़े कदम उठाए हैं। हाल ही में 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' पारित किया गया है जिसमें महिलाओं के लिए लोकसभा और विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है। लेकिन, अभी महिला सशक्तीकरण की यात्रा में बहुत आगे जाना है। आज भी सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में महिला-पुरुष आधारित प्राथमिकता जैसी समस्याएँ बनी हुई हैं। महिलाओं को स्वामित्व और संपत्ति के अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जिसके कारण उन्हें उधार या ऋण मिलने में कठिनाई होती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि देश का प्रत्येक नागरिक आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त हो। इसके लिए आवश्यक है कि महिला-पुरुष अंतर की खाई को जल्दी से जल्दी भरा जाए। यह सभी की जिम्मेदारी है कि महिलाएं आर्थिक विकास को गति प्रदान करें और महिला नेतृत्व वाले विकास की सोच को कार्यरूप दें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि लखपति दीदी सम्मेलन से महिला सशक्तीकरण और समावेशी आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।