भारत की राष्ट्रपति 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन सत्र में शामिल हुईं और प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान किए
प्रवासी भारतीय विकसित भारत के विजन को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
राष्ट्रपति भवन : 10.01.2025
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 10 जनवरी, 2025 को भुवनेश्वर, ओडिशा में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन सत्र में शामिल हुईं और उसे संबोधित किया तथा प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवासी भारतीय हमारे देश के श्रेष्ठ प्रतिनिधि हैं। वे अपने साथ न केवल इस पवित्र भूमि से अर्जित ज्ञान और कौशल लेकर गए हैं, बल्कि वे मूल्य और लोकाचार भी लेकर गए हैं जो सहस्राब्दियों से हमारी सभ्यता का आधार रहे हैं। प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, कला का क्षेत्र हो अथवा उद्यमिता का क्षेत्र हो, भारतीय प्रवासियों ने एक ऐसी छाप छोड़ी है जिसे दुनिया भर में स्वीकार किया जाता है और उसका सम्मान किया जाता है।
राष्ट्रपति ने सभी प्रवासी भारतीय सम्मान-प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उनकी सफलता की कहानियां न केवल भारत के लिए गर्व की बात हैं, बल्कि वे पूरी दुनिया में लाखों लोगों को उत्कृष्टता के लिए तत्पर रहने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य की राष्ट्रपति महामहिम क्रिस्टीन कंगालू को भी बधाई दी और कहा कि उन्होंने महिलाओं और भारत वासियों पर विशेष ध्यान दिया है और अपने देश का उत्कृष्ट नेतृत्व किया है जिससे उन्होंने विश्व मंच पर एक उच्च मानक स्थापित किया है।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि प्रवासी भारतीय दिवस अब मात्र एक आयोजन ही नहीं है बल्कि यह एक ऐसा मंच है जहां सब अपने-अपने विचार रखते हैं, सहयोग करते हैं तथा भारत और प्रवासी भारतीयों के बीच संबंध और गहरे होते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज हमारा देश वर्ष 2047 तक एक विकसित भारत बनने की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह हमारा राष्ट्रीय मिशन है जिसमें विदेश में रहने वाले भारतीयों सहित प्रत्येक भारतीय की सक्रिय और उत्साही भागीदारी की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय विकसित भारत के विजन को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। पूरे विश्व में उनकी उपस्थिति महत्व रखती है और वे अपनी उपलब्धियोँ से विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
भारत के वसुधैव कुटुंबकम के शाश्वत दर्शन का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह विजन एक ऐसा ईकोसिस्टम तैयार करने से संबंधित है जिसमें न केवल अपनी आवश्यकताएं पूरी हो सकें, बल्कि विश्व कल्याण भी हो। हमें एक ऐसा राष्ट्र बनाना चाहते है जहां सामाजिक न्याय और पर्यावरणीय प्रबंधन के साथ आर्थिक प्रगति में संतुलन हो, ताकि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य उज्ज्वल बने। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों को इस लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि जब हम अपने प्रवासी भारतीय परिवार की उपलब्धियों का समारोह मना रहे हैं, हमें आशा और दृढ़ संकल्प के साथ भविष्य के लिए कार्य करना चाहिए। हम सब मिलकर विकसित भारत का निर्माण करें, एक ऐसा राष्ट्र बनाएं जिसकी विश्व मंच पर साख हो और जो दुनिया का मार्गदर्शन करे।