अरुण जेटली राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के 31वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की

राष्ट्रपति भवन : 05.02.2024

अरुण जेटली नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट में प्रोबेशनर्स ट्रेनिंग कोर्स के 31वें बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों ने आज 5 फरवरी, 2024 को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। ये अधिकारी भारतीय सिविल लेखा सेवा, भारतीय रक्षा लेखा सेवा और भारतीय पी एंड टी (वित्त और लेखा) सेवा के अधिकारी हैं।

अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह सर्वविदित तथ्य है कि सुशासन का आधार एक अच्छी सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली है। वे जिन संगठित वित्तीय सेवाओं से हैं, उन पर एक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली बनाने और उसे बनाए रखने का दायित्व है जो सरकार के कामकाज को कुशलता से चलाने में मदद करती हैं। उन्हें शासन में औचित्य और विवेकशीलता सुनिश्चित करना उनका दायित्व होता है, इसलिए, प्रशासन में उनकी भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने उनसे दक्षता हासिल करके और उसका उपयोग करके इस जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाने का आग्रह किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि वे ऐसे समय में सेवा में शामिल हुए हैं जब देश डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ सेवा प्रदान करने में अधिक दक्षता लाने के बारे में जनता की अपेक्षा बढ़ रही है। इन सरोकारों को ध्यान में रखते हुए सरकारी विभागों के लिए प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग करना और शासन प्रणाली को नागरिक-केंद्रित, कुशल और पारदर्शी बनाना अनिवार्य हो जाता है। उन्होंने कहा कि उनका कार्य केवल वित्तीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने तक सीमित नहीं है, बल्कि नीतिगत परिवर्तनों के प्रभाव का विश्लेषण करना और वित्तीय प्रबंधन प्रणालियों सहित शासन की विभिन्न प्रणालियों में सुधार लाने के लिए सुधार सुझाना भी शामिल है। उन्होंने उन्हें इन कार्यों को पूरा करने के लिए लगातार बदलती और उन्नत हो रही प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि उनका यह प्रयास होना चाहिए की नवीनतम तकनीक का उपयोग करें और हमारी लेखांकन और लेखा परीक्षा प्रणालियों को
निर्बाध गति से कार्य करने के लिए तंत्र विकसित करें।

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