प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद माननीय राष्ट्रपति का प्रेस वक्तव्य

गैबोरोन : 12.11.2025

डाउनलोड : भाषण प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद माननीय राष्ट्रपति का प्रेस वक्तव्य(हिन्दी, 69.79 किलोबाइट)

PRESS STATEMENT BY THE HON’BLE PRESIDENT AFTER  DELEGATION LEVEL TALKS

महामहिम, बोत्सवाना के राष्ट्रपति के निमंत्रण पर इस सुंदर देश में आकर मुझे सचमुच बहुत प्रसन्नता हो रही है।

मैं राष्ट्रपति बोको, बोत्सवाना गणराज्य की सरकार और जनता को मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल में मेरे साथ आए हमारे राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना और दो संसद सदस्य, श्री पी. वसावा और श्रीमती डी. के. अरुणा शामिल के गर्मजोशी से किए गए स्वागत के लिए धन्यवाद देती हूँ।

मेरी यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और यह भारत के राष्ट्रपति की बोत्सवाना की पहली यात्रा है। वर्ष 2026 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ को देखते हुए भी यह यात्रा महत्वपूर्ण है।

आज सुबह, राष्ट्रपति बोको के साथ मेरी एक बहुत ही उपयोगी बैठक हुई, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की भी फलदायी वार्ता हुई। हमने परस्पर हितों के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। हमने भारत और बोत्सवाना के बीच साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और आपसी सम्मान पर आधारित गहरे और मैत्रीपूर्ण संबंधों की पुष्टि की। हमने व्यापार और निवेश, कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, रक्षा और डिजिटल टेक्नोलोजी सहित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने पर सहमति जताई है। आज फार्माकोपिया पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे भारतीय से उच्च गुणवत्ता वाली और किफ़ायती दवाइयाँ आसानी से बोत्सवाना के नागरिकों को उपलब्ध हो सकेंगी।

मैंने राष्ट्रपति बोको को, बोत्सवाना सरकार के अनुरोध पर आवश्यक एआरवी दवाएं भेजने के भारत के निर्णय से भी अवगत कराया है।

हम बोत्सवाना के आर्थिक विकास, विशेष रूप से हीरा क्षेत्र में भारतीय कंपनियों की बढ़ती भागीदारी से प्रसन्न हैं। हम कृषि प्रसंस्करण, औषधि निर्माण, शिक्षा, कौशल और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं। भारत बोत्सवाना के साथ अपने संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए मिलकर कार्य करने तथा भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन के ढांचे के अंतर्गत अफ्रीका के साथ अपनी साझेदारी का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुझे यह बताते हुए विशेष प्रसन्नता हो रही है कि बोत्सवाना 'प्रोजेक्ट चीता'के अगले चरण के तहत भारत में चीतों को फिर से बसाने में मदद करेगा। यह भारत सरकार की एक अनूठी वन्यजीव संरक्षण पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के पारिस्थितिक तंत्र में चीतों की संख्या फिर बढ़ाना है। मैं राष्ट्रपति बोको और बोत्सवाना के लोगों को उनके चीते भारत देने पर सहमत होने के लिए धन्यवाद देती हूँ। हम उनकी पूरी देखभाल करेंगे! आज मुझे बोत्सवाना की नेशनल असेंबली को संबोधित करने का अवसर मिलेगा। मैं बोत्सवाना के उपराष्ट्रपति, संसद के अध्यक्ष और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करने और दोनों देशों के बीच सहयोग को गहरा करने के माध्यमों पर चर्चा करने के लिए भी उत्सुक हूँ।

मैं यहाँ बसे हुए भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत करने के लिए भी उत्सुक हूँ, वे दोनों देशों के बीच एक सेतु का कार्य करते हैं।

महामहिम, मैं एक बार फिर, आपके द्वारा किए गए भव्य आतिथ्य और स्वागत के लिए आपका हार्दिक आभार व्यक्त करती हूँ। मुझे विश्वास है कि मेरी इस यात्रा से भारत और बोत्सवाना के बीच बहुआयामी साझेदारी और मज़बूत होगी और आने वाले वर्षों में यह और आगे बढ़ेगी।

धन्यवाद।

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