भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय रक्षा संपदा सेवा, सैन्य अभियंता सेवा और केंद्रीय जल अभियांत्रिकी सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों के साथ मुलाकात के अवसर पर संबोधन
राष्ट्रपति भवन : 23.07.2025
डाउनलोड : भाषण (हिन्दी, 473.41 किलोबाइट)
मैं आप सभी को इस प्रतिष्ठित सेवा में चयन के लिए बधाई देती हूँ। आप सब ने दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से यह उपलब्धि हासिल की है। लेकिन इसके साथ अपार ज़िम्मेदारियां भी जुड़ी हैं। आपको अपने कार्य में राष्ट्र-प्रथम की भावना को साथ लेकर चलना है। आपके द्वारा किए जाने वाले कार्यों से राष्ट्र के विकास और नागरिकों के जीवन स्तर पर प्रभाव पड़ेगा।
भारतीय रक्षा संपदा सेवा के प्रिय अधिकारियो,
रक्षा संपदा महानिदेशालय का कार्य राष्ट्रीय संपत्तियों का प्रबंधन और सुरक्षा करना है। छावनी बोर्डों को भूमि का पूरा-पूरा उपयोग करने, नागरिक सुविधाएँ प्रदान करने और स्वच्छ वातावरण बनाए रखने में उनकी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है। आपको अपनी सेवा में प्रवेश से ही कुशल, नागरिक-केंद्रित और स्थाई गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ प्रदान करने के लिए सर्वश्रेष्ठ सेवा देना आवश्यक है।
तकनीकी में तेजी से आ रहे परिवर्तन के इस युग में, डिजिटल समाधानों से जुड़े रहना अत्यंत आवश्यक है। तकनीकी में हो रही प्रगति की जानकारी रखना और उन्हें अपने कार्यों में लागू करना आपका कर्तव्य है।
कृत्रिम बोध, ड्रोन से भूमि का सर्वेक्षण, उपग्रह इमेजरी और संपत्ति रिकॉर्ड रखरखाव के लिए ब्लॉकचेन अब भविष्य के साधन नहीं हैं, वरन् अब ये शासन का हिस्सा बन रहे हैं।
आपको अवसंरचना ढाँचे के विकास में हरित प्रक्रियाओं, नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों को अपनाकर, अपव्यय को कम करते हुए छावनियों में जल संरक्षण सुनिश्चित करना है। तकनीकी विशेषज्ञता और नवाचार से आप रक्षा संपदा को स्थाई और स्मार्ट शहरी बंधन का एक आदर्श मॉडल बना सकते हैं। और आपके कार्य का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष सेवा का भाव है।
सैन्य अभियंता सेवाओं के प्रिय अधिकारियो,
सैन्य अभियंता सेवा हमारे सशस्त्र बलों की परिचालन तत्परता को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। व्यापक रूप से इंजीनियरिंग सहायता प्रदान करके एमईएस यह सुनिश्चित करता है कि हमारे सैनिकों के पास विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचा और सुविधाएं हों, जिससे वे किसी भी परिस्थिति में मिशन के लिए तत्पर रह सकें। एमईएस पूरे देश में विभिन्न प्रकार के बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं की योजना तैयार करने, डिज़ाइन और कार्यान्वयन का कार्य करता है। यह संगठन इन संपत्तियों की निरंतर देखभाल और रखरखाव के लिए भी ज़िम्मेदार है।
सैन्य निर्माण के क्षेत्र में एमईएस अधिकारियों की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी निर्माण करने के साथ-साथ जिम्मेदारी के साथ निर्माण करने की है। आपको सतत विकास को बढ़ावा देने और रक्षा बुनियादी ढाँचे के कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने पर ध्यान देना होगा। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि 'आत्मनिर्भर भारत' के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप, एमईएस द्वारा 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत देश में तैयार की गई सामग्रियों और प्रौद्योगिकियों के उपयोग को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे स्थानीय उद्योगों को लाभ पहुंचता है और घरेलू रक्षा इकोसिस्टम भी मज़बूत बनता है।
एमईएस को तकनीकी नवाचार में भी अग्रणी रहना होगा। बिल्डिंग इंफॉर्मेशन मॉडलिंग (बीआईएम), ड्रोन निगरानी जैसे उन्नत उपकरणों से लाभ उठाकर और पूर्वानुमानित रखरखाव और परियोजना नियोजन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग करने से सटीकता और प्रभावशीलता बढ़ेगी।
केंद्रीय जल अभियांत्रिकी सेवा के प्रिय अधिकारियो,
जल संसाधन प्रबंधन सदा एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है। आप इंजीनियरिंग समाधान के माध्यम से जल अवसंरचना विकास करके देश को प्राकृतिक और मानव निर्मित जल संकटों का सामना करने में सक्षम बना सकते हैं।
विशेष रूप से बदलती जलवायु को ध्यान में रखते हुए जल संसाधनों का सतत विकास करना तथा कुशल जल प्रबंधन भविष्य के लिए जल सुरक्षा और विकास की कुंजी है। इसलिए, आप सबसे वर्तमान समय और भविष्य की चुनौतियों का समाधान करने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने और महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपेक्षा की जाती है।
मुझे बताया गया है कि केंद्रीय जल आयोग, जल संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का विकास और उपयोग कर रहा है। स्वच्छ जल उपलब्ध कराकर और जल संरक्षण को बढ़ावा देकर, भारत जन स्वास्थ्य में सुधार ला सकता है, कृषि उत्पादकता को बढ़ावा दे सकता है और प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग सुनिश्चित कर सकता है। प्रभावी जल प्रबंधन से हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुखद भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
प्रिय युवा अधिकारियों, मुझे विश्वास है कि आप हमेशा जन सेवा के उच्चतम आदर्शों को अपनाएंगे और एक सशक्त, समावेशी और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए लगातार प्रयास करते रहेंगे। मैं आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूँ।
धन्यवाद,
जय हिंद!
जय भारत!