भारत की राष्ट्रपति सेंट थॉमस महाविद्यालय, पलाई के प्लैटिनम जयंती समापन समारोह में शामिल हुईं।
शिक्षा के प्रकाश से व्यक्तिगत और सामूहिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त होता है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
साक्षरता, शिक्षा और ज्ञान के बल पर केरल मानव विकास के अनेक मानदंडों पर देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
राष्ट्रपति भवन : 23.10.2025
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 23 अक्तूबर, 2025 को सेंट थॉमस महाविद्यालय पलाई, केरल के प्लैटिनम जयंती समारोह के समापन समारोह में शामिल हुईं।
समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा विकास और तरक्की के अवसरों को तलाशने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सेंट थॉमस महाविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करना था। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि यह कॉलेज 75 वर्षों से अपने इस प्रशंसनीय उद्देश्य को पूरा करता आ रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सेंट थॉमस महाविद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थान ऐसे संस्थान हैं जहाँ नियति का निर्धारण होता है। उन्होंने समग्र शिक्षा और सामाजिक न्याय पर कॉलेज द्वारा दिए जा रहे बल पर प्रसन्नता व्यक्त की। इस कॉलेज में स्थिरता और समावेशिता के मूल्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कॉलेज द्वारा नैतिकता के साथ-साथ बौद्धिक कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि 21वीं सदी को 'ज्ञान की सदी' कहा जाता है। नवाचार प्रेरित ज्ञान से समाज आगे बढ़ता है और समाज आत्मनिर्भर बनता है। साक्षरता, शिक्षा और ज्ञान के बल पर केरल मानव विकास के अनेक मानदंडों पर देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है।
कोट्टायम के बारे में बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इस शहर में सामाजिक और शैक्षिक परिवर्तनों के गौरवशाली अवसर आए हैं। अस्पृश्यता उन्मूलन का महान आंदोलन, जिसे 'वैकोम सत्याग्रह' के नाम से जाना जाता है, सौ वर्ष पहले कोट्टायम में हुआ था। इस शहर को 'अक्षर-नगरी' के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह साक्षरता और शिक्षा का मुख्य स्थान रहा है। 'साक्षर केरलम' आंदोलन को इस क्षेत्र के लोगों ने अपने सक्रिय प्रयासों से मजबूती प्रदान की। पुस्तकालय आंदोलन के माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा देने की श्री पी.एन. पणिक्कर की उल्लेखनीय पहल एक अति सरल किन्तु शक्तिशाली संदेश 'वैयिचु वलारुगा' अर्थात 'पढ़ो और बढ़ो' से प्रेरित थी।
राष्ट्रपति ने इस बात पर ज़ोर दिया कि शिक्षा के प्रकाश से व्यक्तिगत और सामूहिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने शिक्षा का प्रसार करने में सेंट थॉमस कॉलेज के कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सेंट थॉमस कॉलेज गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देता रहेगा और वर्ष 2047 तक एक अधिक समतामूलक समाज और विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान देगा।
