भारत की राष्ट्रपति तिरुवनंतपुरम में नौसेना दिवस समारोह में शामिल हुईं

भारत महासागरों को खुला, स्थिर और नियम-आधारित बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
भारतीय नौसेना सुरक्षित, समृद्ध और धारणीय महासागरों के हमारे दृष्टिकोण को मजबूती प्रदान करती है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

राष्ट्रपति भवन : 03.12.2025

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 3 दिसंबर, 2025 को तिरुवनंतपुरम, केरल में नौसेना दिवस-2025 समारोह में शामिल हुईं और भारतीय नौसेना द्वारा किए गए सैन्य क्षमता का प्रदर्शन देखा।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि नौसेना दिवस नौसेनिकों द्वारा हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए निस्वार्थ भाव से की गई सेवा और सर्वोच्च बलिदान को याद करने का उत्सव है। उन्होंने कहा कि भारत के लोग राष्ट्र के प्रति सेवा के लिए भारतीय नौसेना के जवानों के प्रति कृतज्ञ भाव से भरे हैं। उन्होंने उनकी पेशवर-पद्धति, लगन और देशभक्ति की प्रशंसा की।

राष्ट्रपति ने कहा कि हिंद महासागर का क्षेत्र एक अति सामरिक और महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्र है। यह वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति और व्यापार का एक माध्यम है। चूँकि भारत इसके केंद्र में स्थित है, इसलिए हमारी ज़िम्मेदारी विशेष हो जाती है। हम महासागरों को खुला, स्थिर और नियम-आधारित बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 'वसुधैव कुटुम्बकम' के हमारे विचार के अनुसार भारत का दृष्टिकोण प्रतिस्पर्धात्मक नहीं है बल्कि सहयोगात्मक है। हम साझी जागरूकता, क्षमता निर्माण और समुद्रों के शांतिपूर्ण प्रयोग को बढ़ावा देते रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय नौसेना का मुख्य कार्य हमारे समुद्रों की सुरक्षा करना है। खतरों को समाप्त करने से लेकर समुद्री डकैती से निपटने तक, हमारे विशेष आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा से लेकर स्वतंत्र नौवहन सुनिश्चित करने तक नौसेना का कार्य पारंपरिक रक्षा से और अधिक है। नौसेना भारत के मानवीय पहलू का भी उदाहरण प्रस्तुत करती है। हिंद महासागर क्षेत्र में नागरिकों को निकालने, सहायता प्रदान करने और मानवीय सहायता पहुँचाने से संबंधित संकटों के दौरान इसने सबसे पहले कार्रवाई सुनिश्चित की है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सागर विजन के अंतर्गत की गई नई पहलों से समुद्री क्षेत्र की जागरूकता बढ़ेगी, मानवीय सहायता दी जा सकेगी तथा अंतरराष्ट्रीय समुद्री कम्युनिटी की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत सतत विकास के वाहक के रूप में ब्लू इकॉनोमी की क्षमता का उपयोग करने पर ध्यान दे रहा है। भारतीय नौसेना की इन कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका है। सुरक्षित समुद्री मार्ग प्रदान करके, समुद्री संसाधनों की रक्षा करके, अवैध गतिविधियों की रोकथाम करके और समुद्री शोध को सहयोग देकर, सुरक्षित, समृद्ध और धारणीय महासागरों के हमारे दृष्टिकोण को मजबूती प्रदान करती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आधुनिकीकरण के साथ-साथ नई तकनीकों का विकास और उनका उपयोग सशस्त्र बल की युद्ध तत्परता के लिए बहुत महत्व रखता है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि भारतीय नौसेना भारत में ही जटिल प्लेटफार्मों के डिज़ाइन और निर्माण में अपनी क्षमता प्रमाणित कर रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय नौसेना निरंतर स्वदेशी तकनीक विकास करती रहेगी और "विकसित भारत" के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देगी।

समाचार पत्रिका के लिए सदस्यता लें

सदस्यता का प्रकार
वह न्यूज़लेटर चुनें जिसकी आप सदस्यता लेना चाहते हैं।
सब्सक्राइबर का ईमेल पता