भारत की राष्ट्रपति ने लखनऊ में ब्रह्माकुमारी के 2025-26 के 'विश्व एकता और विश्वास के लिए राजयोग ध्यान' के वार्षिक अभियान का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति भवन : 28.11.2025

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 28 नवंबर, 2025 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में ब्रह्माकुमारी के 2025-26 के 'विश्व एकता और विश्वास के लिए राजयोग ध्यान' के वार्षिक अभियान का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आधुनिक समय में विज्ञान और तकनीक के बल पर मानवता ने अभूतपूर्व प्रगति की है। आज का युग सूचना-प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डिजिटल परिवर्तन और अंतरिक्ष अनुसंधान का युग है। इन क्रांतिकारी परिवर्तनों ने मानव जीवन को अधिक सुविधाजनक, सुगम और संसाधन- समृद्ध बनाया है। आज का मानव पहले की अपेक्षा अधिक शिक्षित और तकनीकी रूप से सक्षम है तथा उसके पास आगे बढ़ने के अनेक अवसर हैं। लेकिन समाज में तकनीकी उन्नति के साथ-साथ तनाव, मानसिक असुरक्षा, अविश्वास और एकाकीपन भी है।

ऐसे परिदृश्य में आज आवश्यक है कि हम केवल आगे बढ़ने की ही नहीं, बल्कि स्वयं के भीतर झांकने की यात्रा भी प्रारंभ करें।  जब हम कुछ क्षण रुककर, स्वयं से संवाद करते हैं, तो इस बात का अनुभव होता है कि शांति और आनंद किसी बाहरी वस्तु में नहीं, बल्कि हमारे भीतर हैं। जब आत्मिक चेतना जागृत होती है तब प्रेम, भाईचारा, करुणा और एकता स्वतः जीवन का हिस्सा बन जाते हैं। शांत और स्थिर मन, समाज में शांति का बीज बोता है और वहीं से विश्व-शांति और विश्व-एकता की नींव बनती है। सशक्त आत्मा ही विश्व-एकता की संकल्पना को साकार करने की आधारशिला है।

राष्ट्रपति ने विश्व-शांति, मानवीय मूल्यों, नारी-शक्ति, आत्मिक जागृति, शिक्षा और ध्यान के क्षेत्र में ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा किए जा रहे प्रेरक प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस संस्था के सभी भाई-बहन एक बेहतर, शांतिपूर्ण और विश्वासपूर्ण विश्व के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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