भारत की राष्ट्रपति ने अंगोला की नेशनल असेंबली को संबोधित किया

भारत, अफ्रीका में शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

राष्ट्रपति भवन : 10.11.2025

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 10 नवंबर, 2025 को लुआंडा में अंगोला की नेशनल असेंबली को संबोधित किया।

असेंबली में उनका गर्मजोशी से स्वागत करते हुए, अंगोला की नेशनल असेंबली की अध्यक्ष महामहिम कैरोलिना सेरकेरा ने कहा कि अंगोला की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की अंगोला की ऐतिहासिक यात्रा द्विपक्षीय संबंधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत की व्यापक परिवर्तन विकास यात्रा अंगोला के लिए प्रेरणादायी है, और उन्होंने अफ्रीका के प्रति भारत द्वारा लंबे समय से किए जा रहे समर्थन और प्रतिबद्धता की बहुत सराहना की।

अंगोला के सांसदों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत और अंगोला का उपनिवेशवाद विरोधी संघर्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों का समान इतिहास है। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, और अंगोला अफ्रीका के सबसे गतिशील लोकतंत्रों में से एक है।

उन्होंने कहा कि आपसी समझ को बढ़ावा देने के लिए हमें संसद-स्तरीय आदान-प्रदान को बढ़ाना चाहिए।

राष्ट्रपति ने अंगोला की संसद में महिलाओं के उल्लेखनीय प्रतिनिधित्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि 39 प्रतिशत से अधिक सदस्य महिलाएं हैं और अंगोला की संसद समावेशी शासन का एक प्रेरणादायक उदाहरण है। उन्होंने विधायी निकायों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए भारत में हाल ही में बनाए गए कानून के बारे में भी बात की।

द्विपक्षीय संबंधों पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि व्यापार और आर्थिक सहयोग हमारी साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। ऊर्जा के क्षेत्र में हमारी भागीदारी हमारे आर्थिक संबंधों को निरंतर सशक्त बना रही  है। उन्होंने डिजिटल प्रौद्योगिकी, रक्षा, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण जैसे अनेक नए क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों पर भी बल दिया।

राष्ट्रपति ने अंगोला द्वारा अपने आधारभूत संरचना और शासन को सुदृढ़ करने और कृषि, ऊर्जा और पर्यटन  जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देने में की गई प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा कि अंगोला अफ्रीका की आर्थिक प्रगति की कहानी में एक प्रमुख भागीदार के रूप  में उभर रहा है। उन्होंने अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष के रूप में अंगोला के अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व की भी प्रशंसा की।

राष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान समय में विश्व अनेक संघर्षों और अनिश्चितताओं से गुजर रहा है, जिनका प्रतिकूल प्रभाव विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के देशों के आर्थिक विकास पर पड़ रहा है। उन्होंने अफ्रीका में शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया, और अंगोला के सांसदों से भारत-अंगोला साझेदारी की पूरी क्षमता को उपयोग करने के लिए मिलकर कार्य करने की अपील की।

इससे पहले दिन में राष्ट्रपति ने लुआंडा में डॉ. एंटोनियो एगोस्टिन्हो नेटो के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ. नेटो, अंगोला के पहले राष्ट्रपति थे और वे अंगोला की एकता, गलत का प्रतिरोध करने और राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक हैं। उन्होंने अंगोला की स्वतंत्रता की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

राष्ट्रपति ने 16वीं सदी के औपनिवेशिक काल के किले फोर्टालेज़ा डे साओ मिगुएल का भी दौरा किया, इसे अब लुआंडा का आर्म्ड फोर्सेज म्यूज़ियम बना दिया गया है। यह संग्रहालय अंगोला के दीर्घकालिक और मिश्रित सैनिक इतिहास की कहानी बताता है, जिसमें उनका औपनिवेशिक काल और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष दिखाया गया है। बाद में शाम को, राष्ट्रपति लुआंडा में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगी।

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