भारत की राष्ट्रपति ने आईएनएस वाघशीर पनडुब्बी में सवार होकर समुद्र में गोता लगाया
वाघशीर के चालक दल के अनुशासन, आत्मविश्वास और उत्साह को देखकर मुझे यह विश्वास हो गया है कि हमारी पनडुब्बियां और भारतीय नौसेना किसी भी खतरे और किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
राष्ट्रपति भवन : 28.12.2025
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने पश्चिमी तट पर पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर में सवार होकर समुद्र में गोता लगाया। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी भी राष्ट्रपति के साथ थे। वह आज 28 दिसंबर, 2025 को कर्नाटक के कारवार नौसेना बंदरगाह से पनडुब्बी में सवार हुईं। दो घंटे से अधिक समय तक चली इस यात्रा के दौरान, उन्होंने पनडुब्बी के चालक दल के साथ बातचीत की और सैन्य क्षमता प्रदर्शन को देखा।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बाद पनडुब्बी में यात्रा करने वाली दूसरी राष्ट्रपति हैं।
स्वदेशी कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी पर उनकी यह पहली यात्रा, सैन्य परिचालन परिस्थितियों में सशस्त्र बलों के साथ भारत के रक्षा बलों के सर्वोच्च कमांडर की निरंतर भागीदारी को दर्शाती है। इससे पहले नवंबर 2024 में, राष्ट्रपति ने स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर भारतीय नौसेना द्वारा किया गया सैन्य क्षमता का प्रदर्शन देखा था।
बाद में आगंतुक पुस्तिका में, राष्ट्रपति ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए एक संक्षिप्त टिप्पणी में लिखा कि, "आईएनएस वाघशीर पर हमारे नाविकों और अधिकारियों के साथ समुद्री यात्रा, समुद्र के अंदर गोता लगाना और उनके साथ कुछ समय रहना मेरे लिए वास्तव में एक बहुत ही विशेष अनुभव रहा। आईएनएस वाघशीर द्वारा अनेक बार की गई सफल फायरिंग और चुनौतीपूर्ण अभियान, इसके आदर्श वाक्य 'वीरता वर्चस्व विजय' के अनुरूप चालक दल की असाधारण तत्परता और समर्पण को प्रमाणित करते हैं’। वाघशीर के चालक दल के अनुशासन, आत्मविश्वास और उत्साह को देखकर मुझे विश्वास हो गया है कि हमारी पनडुब्बियां और भारतीय नौसेना किसी भी खतरे और किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।"
