भारत की राष्ट्रपति बोत्सवाना पहुंची; राष्ट्रपति बोको के साथ द्विपक्षीय बैठक की और प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता का नेतृत्व किया

भारत बोत्सवाना के साथ अपने संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए मिलकर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

राष्ट्रपति बोको और बोत्सवाना की जनता का भारत को अपने चीते देने के लिए धन्यवाद: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
 

राष्ट्रपति भवन : 12.11.2025

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु कल 11 नवंबर, 2025 को अंगोला और बोत्सवाना की अपनी राजकीय यात्रा के अंतिम चरण में गैबोरोन, बोत्सवाना पहुँचीं। यह भारत के राष्ट्रपति की बोत्सवाना की पहली यात्रा है। राष्ट्रपति के साथ इस राजकीय यात्रा पर जल शक्ति एवं रेल राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना और संसद सदस्य श्री प्रभुभाई नागरभाई वसावा और श्रीमती डी. के. अरुणा भी गए हैं।

आज 12 नवंबर, 2025 को राष्ट्रपति ने गैबोरोन स्थित राष्ट्रपति कार्यालय से अपने कार्यक्रमों की शुरुआत की, जहाँ बोत्सवाना गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम एडवोकेट डूमा गिडियन बोको द्वारा उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

बोत्सवाना में राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति बोको ने बल देकर कहा कि "लोकतंत्र की जननी" भारत, बोत्सवाना की विकास यात्रा के लिए प्रेरणा और सहयोग का लगातार स्रोत रहा है। उन्होंने शिक्षा, महिला-पुरुष समानता और हाशिए पर पड़े लोगों के उत्थान में राष्ट्रपति की व्यापक भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि पिछले वर्ष उनके पदभार ग्रहण करने के बाद बोत्सवाना द्वारा किसी देश के लिए आयोजित की गई यह पहली राजकीय यात्रा है, इससे भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों का पता चलता है।

अलग-अलग व्यक्तिगत वार्ताओं और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान, दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, रक्षा और डिजिटल टेक्नोलोजी सहित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति की बोत्सवाना की यह पहली यात्रा है और यह द्विपक्षीय संबंधों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है और वर्ष 2026 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ को देखते हुए भी यह यात्रा महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत बोत्सवाना के साथ अपने संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए मिलकर कार्य करने तथा भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन के ढांचे के अंतर्गत अफ्रीका के साथ अपनी साझेदारी का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है।

राष्ट्रपति ने प्रसन्नता जताई कि बोत्सवाना 'प्रोजेक्ट चीता' के अगले चरण के तहत भारत में चीतों को फिर से बसाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि वन्यजीव संरक्षण भारत सरकार की एक अनूठी पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के पारिस्थितिक तंत्र में चीतों की संख्या फिर बढ़ाना है। उन्होंने भारत को अपने चीते देने के लिए राष्ट्रपति बोको और बोत्सवाना के लोगों का धन्यवाद दिया।

दोनों नेताओं की उपस्थिति में फार्माकोपिया पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे भारतीय से उच्च गुणवत्ता वाली और किफ़ायती दवाइयाँ आसानी से बोत्सवाना के नागरिकों को उपलब्ध हो सकेंगी। राष्ट्रपति ने बोत्सवाना सरकार के अनुरोध पर आवश्यक एआरवी दवाइयाँ देने के भारत के निर्णय की भी घोषणा की।

दोनों राष्ट्रपतियों ने प्रेस के समक्ष वक्तव्य जारी किए। (राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा दिए गए प्रेस वक्तव्य का पाठ संलग्न है)।

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